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कलेक्टर ने पालक-शिक्षक बैठक में बच्चों और पालकों से की आत्मीय चर्चा

पालकों से अपने बच्चों के पढ़ाई स्तर को नियमित रूप से परखने किया आग्रह

महासमुंद / स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में पालकों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने और उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराने तथा बच्चों में भविष्य की सम्भावनाओं का आंकलन कर पालकों के साथ समन्वय साधते हुए संयुक्त रूप से परिणाम उन्मुखी प्रयास करने हेतु बुधवार 06 अगस्त को जिले के सभी 184 संकुलों में पालक-शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया है। पालक-शिक्षक बैठक में आज कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शेर एवं पचेड़ा में आयोजित संकुल स्तरीय पालक शिक्षक बैठक कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने पालक शिक्षक बैठक में शामिल होकर पालकों और बच्चों से संवाद कर उनके अनुभव जाने। इस अवसर पर उन्होंने शाला परिसर का अवलोकन भी किया।

होम वर्क अनिवार्य रूप से करें

कलेक्टर श्री लंगेह ने पालकों से चर्चा करते हुए कहा कि अपने बच्चों की गतिविधियों और पढ़ाई की स्तर को नियमित रूप से परखने के लिए उनसे चर्चा करते रहें। यह सुनिश्चित करें कि बच्चे स्कूल से आने के पश्चात होम वर्क अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा के गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए पालक और शिक्षक नियमित रूप से संवाद करके स्थानीय स्तर पर ही समाधान करें। पालकों ने जाति प्रमाण पत्र संबंधित समस्या के संदर्भ में भी कलेक्टर को अवगत कराया। साथ ही शिक्षकगण भी अध्यापन के दौरान मोबाईल का उपयोग आवश्यकता अनुसार ही करें। बैठक में पालकों ने बेहतर शिक्षण के लिए और भी सुझाव दिए। कलेक्टर ने पालकों से मोर गांव मोर पानी अभियान, एक पेड़ मां के नाम अभियान के संबंध में अवगत कराया। साथ ही बच्चों को नशा से दूर रखने सामूहिक संकल्प भी लिया गया। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय कुमार लहरे, डीएमसी श्री रेखराज शर्मा, संबंधित स्कूल के प्राचार्य, सरपंच, संकुल समन्वयक, शिक्षकगण, पालकगण एवं समिति के सदस्य मौजूद थे। जिले के अन्य स्कूलों में नियुक्त नोडल अधिकारियों द्वारा पालक-शिक्षक बैठक आयोजित किया गया।

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कलेक्टर ने चर्चा के दौरान कहा कि बच्चों को मोबाईल की लत से दूर रखें।

अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करना उद्देश्य

उल्लेखनीय है कि बच्चों के माता पिता के प्रथम चरण के अंतर्गत जिले में 06 अगस्त को संकुल स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपादित करने जिले के सभी अधिकारियों को 01-01 संकुल की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। जिले के सभी अधिकारियों को संबंधित संकुल केन्द्रों का निरीक्षण कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रतिवेदन करने का निर्देश दिया गया है।
पालक शिक्षक संवाद में पालकों को बच्चों के लिए यथासंभव घर में पढ़ाई के लिए मेरा कोना-स्टडी कॉर्नर के रूप में एक निश्चित स्थान तय करने की बात बताई गई। इसी प्रकार छात्रों के लिए एक आदर्श दिनचर्या कैसी हो इसकी जानकारी दी गई। बच्चों ने आज क्या सीखा के तहत पालकों की सहभागिता बढ़ाने के साथ उनकी प्रोग्रेस मॉनिटर करने में सहायता मिलेगी। बच्चा बोलेगा बेझिझक से बच्चों के अंदर स्टेज में बोलने के भय को दूर करना और पब्लिक स्पीकिंग और लीडरशिप क्वालिटी बढ़ाने पर काम होगा। बच्चों की अकादमिक प्रगति एवं परीक्षा पर चर्चा का उद्देश्य पालकों और छात्रों को परीक्षा के दौरान होने वाले तनाव को दूर करना और अच्छे अंक लाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पुस्तक की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बस्ता रहित शनिवार के अंतर्गत अन्य ज्ञानवर्धक गतिविधियों से छात्रों को जोड़ना, विद्यार्थियों के आयु, कक्षा अनुरूप स्वास्थ्य परीक्षण एवं पोषण की जानकारी देना, न्योता भोज के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षा हेतु पालकों एवं छात्रों को अवगत कराना, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं, छात्रवृत्ति एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान करने के साथ जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र निर्माण और नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

 
 
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